epranali

This is educational blog.

Res

Breaking news

रविवार, १८ सप्टेंबर, २०२२

सब के लिए खुला है मंदिर यह हमारा

 सब के लिए खुला है मंदिर यह हमारा



 सब के लिए खुला है, मंदिर यह हमारा,

 मंदिर यह हमारा

 मतभेद को भुला है, मंदिर यह हमारा,

 मंदिर यह हमारा ॥ धृ॥

 आओ कोई भी पंथी, आओ कोई भी धर्मी

 देशी-विदेशीयों का, मंदिर यह हमारा ॥१॥

सब देवता समता, मंदिर यह हमारा

 मानव का धर्म क्या है, मिलती है राह जिसमें 

चाहता भला सभी का, मंदिर यह हमारा 

आओ सभी मिलेंगे, समुदाय प्रार्थना में

 तुकड्या कहे अमर है, मंदिर यह हमारा ॥२॥

 -राष्ट्रसंत तुकडोजी

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा