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गुरुवार, २८ जुलै, २०२२

समय का सदुपयोग

 समय का सदुपयोग 



[ रूपरेखा : (1) समय का महत्त्व (2) समय का दुरुपयोग (3) समय का सदुपयोग (4) समय और महापुरुष (5) समय- एक दुर्लभ संपत्ति । ] 

                       समय बहुत कीमती होता है। एक बार गया हुआ समय वापस नहीं आता। इसलिए समय को व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। जो लोग समय का सही उपयोग करते हैं, उन्हें ही सफलता मिलती है। उन्हें कभी अफसोस नहीं करना पड़ता। 

                     कुछ लोग समय का महत्त्व नहीं समझते। ऐसे लोगों का कोई काम समय पर नहीं होता। नींद से जग भी गए, तो घंटों बिस्तर पर पड़े रहते हैं। गपशप के बाद इनके पास जो समय बचता है, उसे ये दूसरों की निंदा करने में बरबाद कर देते हैं। इसके बाद किसी काम के लिए उनके पास समय ही नहीं बचता ! जो लोग समय की कीमत नहीं जानते, उनकी दुनिया में कोई कीमत नहीं रहती। समय को बरबाद करने वाला व्यक्ति खुद बरबाद हो जाता है।

                  समय का सदुपयोग करने का मतलब है, जीवन को सार्थक बनाना। यह तभी संभव हो सकता है, जब हम समय के पाबंद हों, अपने हर काम को निश्चित समय पर करें। समय को बाँट कर काम करने से हर काम समय पर और आसानी से हो सकता है। इससे समय बरबाद नहीं होता। कोई काम बोझ जैसा नहीं लगता। [ रूपरेखा हम राहत कार्य अतिवृष्टि अ हमारे महापुरुषों ने समय के सदुपयोग को बहुत महत्त्व दिया है। गांधी, नेहरू, टिळक आदि ने हमेशा समय का सदुपयोग किया। ज्ञान, कुशलता, संपत्ति, प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति समय का सदुपयोग करने से ही होती है। 

                     गया हुआ धन वापस मिल सकता है पर जो समय बीत जाता है, वह कभी वापस नहीं आता। धन देकर भी समय को नहीं खरीदा जा सकता। इसीलिए समय को दुर्लभ संपत्ति माना गया है। उसका सदुपयोग करने में ही बुद्धिमानी है।

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