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शनिवार, १७ सप्टेंबर, २०२२

राष्ट्रवंदना

                 ॥ राष्ट्र वंदना ॥ 

                (तर्ज : जन-गण-मन :) 



तन मन धन से सदा सुखी हो, भारत देश हमारा । 

सभी धर्म अरु पंथ पक्ष को, दिलसे रहे पियारा ॥ विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥टेक॥ 

निर्भय हो यह देशकी माता, मंगल किर्ती कराने । 

सत्य - शील, अरु निर्मल मनसे, वीरों को उपजाने । 

सद्गुणी हो यह देश की जनता, जीवन सुख सजवाने । 

रंक-राव-पंडीत-भिकारी, सबको सुख दिलवाने | विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ १ ॥ 

स्पृश्यास्पृश्य हटे यह सारा, देश कलंक मिटाने । 

सबके मन कर्तव्यशील, धन उद्योग बढाने । 

सबाक हो विश्वास प्रभू पर, अपनी शक्ती बढाने । 

ब्रह्मचर्य अध्यात्म दैविगुण, घर घर में प्रगटाने । 

विजया हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ २ ॥ 

सारा भारत रहे शिपाई, शत्रु को दहशाने । तुकड्यादास कहे स्फूर्ति हो, सबको भक्ती कराने । विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ ३ । 

                  राष्ट्रसंत तुकडोजी

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