॥ राष्ट्र वंदना ॥
(तर्ज : जन-गण-मन :)
तन मन धन से सदा सुखी हो, भारत देश हमारा ।
सभी धर्म अरु पंथ पक्ष को, दिलसे रहे पियारा ॥ विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥टेक॥
निर्भय हो यह देशकी माता, मंगल किर्ती कराने ।
सत्य - शील, अरु निर्मल मनसे, वीरों को उपजाने ।
सद्गुणी हो यह देश की जनता, जीवन सुख सजवाने ।
रंक-राव-पंडीत-भिकारी, सबको सुख दिलवाने | विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ १ ॥
स्पृश्यास्पृश्य हटे यह सारा, देश कलंक मिटाने ।
सबके मन कर्तव्यशील, धन उद्योग बढाने ।
सबाक हो विश्वास प्रभू पर, अपनी शक्ती बढाने ।
ब्रह्मचर्य अध्यात्म दैविगुण, घर घर में प्रगटाने ।
विजया हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ २ ॥
सारा भारत रहे शिपाई, शत्रु को दहशाने । तुकड्यादास कहे स्फूर्ति हो, सबको भक्ती कराने । विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो, भारत देश हमारा ॥ ३ ।
राष्ट्रसंत तुकडोजी
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