समाचारपत्र :
(1) आज का युग और समाचारपत्र (2) विविध विषय (3) दैनिक जीवन में समाचारपत्र का उपयोग (4) अच्छे और बुरे समाचारपत्र (5) समाज और राष्ट्र के निर्माण में सहायक । ]
रोज सुबह होते ही हमारे घर पर समाचारपत्र आ जाते हैं। सुबह-सुबह समाचारपत्र पढ़ने की हमारी आदत पड़ गई है। आज का युग समाचारपत्रों का युग है। प्रतिदिन विभिन्न भाषाओं में अनेक समाचारपत्र प्रकाशित होते हैं। सामान्य अर्थ में दैनिक पत्रों को ही समाचारपत्र कहा जाता है। समाचारपत्र के द्वारा हम थोड़े पैसों में दुनियाभर के समाचार और अनेक विषयों की जानकारी पा सकते हैं। इनमें राजनीति व्यापार खेल फिल्म आदि से संबंधित समाचार होते हैं। रेल-सड़क दुर्घटना, हत्या, लूटपाट तथा मौसम आदि के बारे में भी समाचारपत्रों में खबरें छपती रहती हैं। समाचारपत्रों की खबरें काफी विस्तार में होती हैं। समाचारपत्रों के द्वारा हम दुनिया भर में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त करते हैं। समाचारपत्र जनता और सरकार के बीच की कड़ी हैं। इनके द्वारा सरकार जनता के विचार जान सकती है। इनके माध्यम से जनता सरकार तक अपनी आवाज पहुँचा सकती है। समाचारपत्र विभिन्न लेखों के द्वारा ग्राम सुधार और समाज-सुधार के लिए भी प्रयत्न करते हैं। समाचारपत्रों में तरह-तरह के विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। इनमें नौकरी-धंधे, विवाह, खरीद-बिक्री, मनोरंजन, मृत्यु सूचना तथा पर्यटन आदि से संबंधित विज्ञापन प्रमुख हैं। समाचारपत्रों में छपने वाले लेखों, कहानियों, कविताओं आदि से पाठकों का ज्ञान बढ़ता है और साथ- साथ मनोरंजन भी मिलता है। समाचारपत्रों के व्यंग्यचित्र अपने आपमें बहुत कुछ कह देते हैं। शब्द पहेली से हमारा भाषा का ज्ञान बढ़ता समाचारपत्र लोगों के विचारों और भावनाओं पर गहरा असर डालते हैं। समाज की बुराइयाँ दूर करने, लोगों में देशप्रेम को है। भावना जगाने और संकट के समय पीड़ितों की सहायता करने में समाचारपत्र बहुत उपयोगी हैं। कुछ समाचारपत्र भ्रम में डालने वाली सनसनीखेज खबरें और भड़काऊ बयान छापकर देश का अहित भी करते हैं। भारत में आजादी की लड़ाई के समय हमारे समाचारपत्रों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनमें छपे लेखों से लोगों में राष्ट्रप्रेम और स्वतंत्रता को भावना जाग्रत हुई थी। इसमें कोई संदेह नहीं कि अच्छे समाचारपत्र जनता के सच्चे मित्र और सही मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं।
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