फेरीवाले
[ रूपरेखा (1) फेरीवाला बनना एक मजबूरी (2) तरह-तरह के फेरीवाले (23) फेरीवालों से होने वाले लाभ (4) लोगों को उगने वाले फेरीवाले (5) फेरीवालों के कारण सड़कों पर चलना मुश्किल अथवा फेरीवालों के कारण समस्याएँ (6) सावधान रहना जरूरी। ]
हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनको कहीं नौकरी नहीं मिलती। उनके पास इतना पैसा नहीं है कि दुकान लेकर था कर सकें। ऐसे बहुत से लोग शहर-कस्बों की फुटपाथ या सड़कों के किनारे लोगों के काम आने वाली चीजें रखकर बेचते हैं। ये हो फेरीवाले हैं।
फेरीवाले तरह-तरह की चीजें बेचते हैं। सुई, कंघा, चाकू, कैंची, बटन और प्लास्टिक के बटुए आदि चीजें इनके पास आसानी से मिल जाती हैं। कुछ फेरीवाले कमीज, पैंट, रुमाल भी बेचते हैं। प्लास्टिक के बैग, बाल्टियों, चटाइयों जैसी चीजें भी इनके बिक्री के सामानों में होती हैं। चतुर फेरीवाले मौसम के अनुसार स्वेटर, कंबल, छाते आदि चीजें बेचकर अच्छी आमदनी कर लेते हैं। फल, सब्जियाँ, नारियल और खाने-पीने की वस्तुएँ बेचना कुछ फेरीवालों का खानदानी पेशा बन गया है।
फेरीवालों से हमें अपनी जरूरतों की छोटी-मोटी वस्तुएँ आसानी से मिल जाती हैं। कभी-कभी हम इनसे बढ़िया चीजें कम दाम पर पा जाते हैं। जिन चीजों को दुकानें दूर हों या जो जल्दी उपलब्ध नहीं होतीं, वे हमें सड़क पर बिना किसी झंझट के फेरीवालों से प्राप्त हो जाती हैं। इस दृष्टिकोण से देखें तो फेरीवाले हमारे लिए बहुत ही उपयोगी हैं।
परंतु कभी-कभी फेरीवाले घटिया चीजें बढ़िया बताकर भोलेभाले ग्राहकों को मूर्ख बनाते हैं सस्ती चीजों पर अच्छे ब्रांड का लेबल लगाकर उन्हें बेच देने में ये कुशल होते हैं। कम दाम सुनकर जल्दबाजी में ग्राहक इनके हाथों ठगी के शिकार हो जाते। हैं। घड़ियाँ, बॉलपेन, लाइटर आदि का धंधा इस प्रकार जोरों से चलता है।
आजकल शहरों में वैसे भी भीड़-भाड़ बढ़ गई है, फेरीवालों के कारण उसमें और भी वृद्धि हुई है। इनके कारण फुटपाथों और सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है, ट्राफिक की समस्या खड़ी हो जाती है और चेन चोरों और जेबकतरों को अच्छा मौका मिल जाता है।
इसमें शक नहीं कि फेरीवाले हमारी बड़ी सेवा करते हैं। उनके कारण हमें कई चीजें बड़ी आसानी से मिल जाती हैं, परंतु आजकल झूठ और बेईमानी इतनी बढ़ गई है कि फेरीवालों से सामान खरीदते समय बड़ी सावधानी रखनी पड़ती है।
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