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मंगळवार, २६ जुलै, २०२२

मेरा प्रिय पशु - कुत्ता

            मेरा प्रिय पशु - कुत्ता 






रूपरेखा : (1) प्रिय पशु का उल्लेख (2) शीघ्र पालतू बनने का गुण (3) समझदार और चतुर (4) अन्य गुण (5) पालने में आसानी । ] 

              कुत्ते और मनुष्य का संबंध बहुत पुराना है। कुत्तों को पालतू बनाने के कई कारण हैं। कुछ कुत्ते घर की रखवाली करते हैं। कुछ कुत्ते शिकारी होते हैं। कुछ सर्कस में खेल दिखाते हैं। कुछ अपराधियों का पता लगाने में पुलिस की मदद करते हैं। इसलिए कुत्तों को पालना लाभदायक होता है।

             दुनिया में कुत्ते की अनेक जातियाँ पाई जाती हैं। संसार के सभी भागों में अलग-अलग प्रकार के कुत्ते होते हैं। उनका रूप, रंग और आकार भिन्न-भिन्न होता है। कोई कुत्ता बड़ा होता है, तो कोई लंबा । कोई बिल्ली जितना छोटा होता है, तो कोई बहुत मोटा ।  

             कुत्ता बहुत जल्दी पालतू बन जाता है। हमारा जरा-सा प्यार पाकर वह हमारे वश में हो जाता है। कुत्ता हमारी स्नेहभरी वाणी को अच्छी तरह समझ लेता है। हमारा अपनापन पाकर वह कुछ ही दिनों में हमारे परिवार का सदस्य बन जाता है।

             कुत्ता बहुत ही समझदार पशु है। वह हमारे इशारों को फौरन समझ लेता है। जब हम उसे बुलाते हैं तो वह तुरंत हमारे पास आता है। जब हम उसे जाने के लिए कहते हैं, तो वह दूर चला जाता है। 'तू' कहते ही वह मालिक के पास जाकर पूँछ हिलाने लगता है। कुत्ता अच्छे और बुरे की पहचान मिनटों में कर लेता है। 

               प्रकृति ने कुत्ते को सूँघने की अदभुत शक्ति दी है। सूचने की अपनी इस शक्ति से यह बड़े-बड़े अपराधियों को भी बैंक निकालता है। आज कुत्ते के कारण पुलिस का काम बहुत आसान हो गया है। सर्कस में कुत्ते का काम देखकर दर्शक आश्चर्यचकित हो जाते हैं। 

              कुत्ता एक स्वामिभक्त प्राणी है। वह बहुत ईमानदारी से अपने मालिक के घर की रखवाली करता है। कुत्ता बहुत ही सतर्क पहरेदार है। कुत्ते की वफादारी की अनेक कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। वफादार कुत्ते अपने मालिक की रक्षा के लिए जान तक दे देते हैं। ऐसे कुः ते अपना नाम अमर कर जाते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के एक ऐसे ही कुत्ते की समाधि रायगढ़ किले में है। कभी-कभी कुत्ते पागल हो जाते हैं। हमें ऐसे कुत्तों से बचकर रहना चाहिए। पागल कुत्तों के काट लेने पर जान भी जा सकती है। 

              कुत्ते को पालने में विशेष खर्च नहीं करना पड़ता। बची-खुची रोटियाँ खाकर वह अपना गुजारा कर लेता है और जिंदगीभर पशु हमारी सेवा करता है। कुत्ता अपनी अनोखी समझदारी, वफादारी और उपयोगिता के कारण ही मेरा प्रिय: है। 

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