इतनी शक्ति हमें देना दाता
इतनी शक्ति हमें देना दाता
मनका विश्वास कमजोर होना
हम चले नेक रस्ते पे
हम से भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥ धृ०।।
दूर अज्ञान के हो अंधेरे
तु हमें तुम ज्ञान की रोशनी दे
हर बुराई से बचते रहे हम
जितनी भी दे भली जिंदगी दे.
बैर होना किसीका किसी से
भावना मन में बदले की हो ना
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भुल हो ना ॥ १ ॥
हम ना सोचे हमें क्या मिला है ।
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटे सभी को
सब का जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तु बहाके
कर दे पावन हर एक मन का कोना
हम चले नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥ २ ॥
- अभिलाष
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ऐ मातृभूमि
ऐ मातृभमि, तेरे चरणों में सिर नवाऊँ ।
मैं भक्तिभेंट अपनी तेरी शरण में लाऊँ ॥१॥
माथे पे तू हो चंदन, छाती पे हो तू माला ।
जिव्हा पे गीत तू हो; मैं तेरा नाम गाऊँ ॥२॥
जिससे सपूत उपजे श्रीरामकृष्ण जैसे ।
उस तेरी धूलि को मैं निज शीशपे चढाऊँ ॥३॥
सेवा में तेरी सारे भेदों को भूल जाऊँ ।
वह पुण्यनाम तेरा प्रतिदिन सुनू-सुनाऊँ ॥४॥
तेरेही काम आऊँ, तेराही मंत्र गाऊँ ।
मन और देह तुझपर बलिदान मैं चढाऊँ ॥५॥
• प्रा. इन्द्र
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