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शुक्रवार, २६ ऑगस्ट, २०२२

हिंदी व्याकरण संज्ञा

             हिंदी व्याकरण संज्ञा



संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, भेद, एवं उदाहरण (Sangya)

संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, भेद, एवं उदाहरण (Sangya): Sangya kise kahate hain? क्या आप जानना चाहते हैं की संज्ञा क्या है? तो आइये पेज को नीचे की तरफ स्क्रॉल करें और जानें संज्ञा किसे बोलतेहैं, संज्ञा कितने प्रकार की होती है, और संज्ञा के प्रकार के उदाहरण| हम यह दावा कर सकते हैं की इस पोस्ट ध्यान से अंत तक पढ़ने के बाद आप यह अच्छे से समझ पाएंगे की संज्ञा क्या है (संज्ञा किसे कहते हैं)|

संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार, भेद, एवं उदाहरण (Sangya)

संज्ञा किसे कहते हैं? किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं| जैसे – अंशु, प्रवर, चेन्नई, भलाई, मकान, आदि|

उपर्युक्त उदाहरण में,

अंशु और प्रवार : व्यक्तियों के नाम
चेन्नई : स्थान का नाम
मकान : वस्तु का नाम और
भलाई : भाव का नाम है|

या हम बोल सकते हैं, संज्ञा एक ऐसा शब्द है जिससे किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या विचार के नाम का बोध होता है। एक वाक्य में, संज्ञाएं विषय, प्रत्यक्ष वस्तु, अप्रत्यक्ष वस्तु, विषय पूरक, वस्तु पूरक, अपोजिट, या विशेषण की भूमिका निभा सकती हैं।

संज्ञा के विभिन्न प्रकार :

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun):

व्यक्तिवाचक संज्ञा एक ऐसा नाम है जो केवल एक व्यक्ति, स्थान या वस्तु को संदर्भित करता है और इसके लिए कोई सामान्य नाम नहीं है। लिखित अंग्रेजी में, एक व्यक्तिवाचक संज्ञा हमेशा बड़े अक्षरों से शुरू होती है।

उदाहरण: मेलबर्न (यह केवल एक विशेष शहर को संदर्भित करता है), स्टीव (किसी विशेष व्यक्ति को संदर्भित करता है), ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलिया नाम का कोई अन्य देश नहीं है; यह नाम केवल एक देश के लिए निर्धारित है)।

जातिवाचक संज्ञा (Common Noun):

जिन संज्ञाओं से किसी जाती के अंतर्गत आनेवाले सभी व्यक्तियों, वस्तुओं, स्थानों के नामों का बोध होता है, जातिवाचक संज्ञाएं कहलाती हैं|

जैसे –

गाय : गाय कहने से पहाड़ी, हरयाणवी, जर्सी, देशी, विदेशी, फ्रोजेन, आदि, इन सभी प्रकार की गायों का बोध होता है; क्योंकि गाय जानवरों की एक जाति है|

नदी : इसके अंतर्गत सभी नदियां आएँगी – गंगा, यमुना, सरयू, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, आदि|

भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)

जिन संज्ञाओं से पदार्थों या व्यक्तियों के धर्म, गुण, दोष, आकार, अवस्था, व्यापार या चेष्टा आदि भाव जाने जाएं, वे भाववाचक संज्ञाएं होती हैं|भाववाचक संज्ञाएं अनुभवजन्य होती हैं, ये अस्पर्शी होती हैं|

जैसे –

क्रोध, घृणा, प्रेम, अच्छाई, बुराई, बीमारी, लम्बाई, बुढ़ापा, आदि|

उपर्युक्त उदाहरणों में से आप किसी को छू नहीं सकते; सिर्फ अनुभव ही कर सकते हैं|

सामूहिक संज्ञा (Collective Noun)

सामूहिक संज्ञा एक ऐसी संज्ञा है जो औपचारिक रूप में एकवचन प्रतीत होती है लेकिन व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह को दर्शाती है। सेना, झुंड और झुंड शब्द सामूहिक संज्ञा के उदाहरण हैं।

ये सभी संज्ञाएं एकवचन संज्ञा हैं लेकिन ये लोगों या चीजों के समूह को संदर्भित करती हैं। ज्यादातर मामलों में, सामूहिक संज्ञाएं एकवचन क्रियाओं का उपयोग करती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सामूहिक संज्ञाएं कई लोगों या चीजों के समूह को एक इकाई या इकाई के रूप में संदर्भित करती हैं।

जैसे –

गायों का झुंड, बिल्ली के बच्चे का झुंड, शेरों का झुंड, मछली का एक स्कूल, लकड़बग्घे का एक झुंड|

द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)

जिन संज्ञाओं से ठोस, तरल, पदार्थ, धातु, अधातु, आदि का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं| द्रव्यवाचक संज्ञाएं ढेर के रूप में मापी या तोली जाती है| ये अगणनीय हैं|

जैसे –

लोहा, चांदी, सोना, तेल, घी, डालडा, आदि|

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