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रविवार, २९ मे, २०२२

मेरा भारत अथवा मेरा भारत महान

       मेरा भारत अथवा मेरा भारत महान 


[ रूपरेखा (1) प्रस्तावना (2) अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य (3) महान विभूतियों का जन्मदाता (4) विविधता में एकता (5) हर क्षेत्र में भारी प्रगति (6) भावनात्मक एकता (7) संप्रभुता की रक्षा में समर्थ (8) निष्कर्ष । ] 

       मुझे भारतीय होने पर गर्व है। हम बड़े उत्साह से गाते हैं- 'सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कच्छ से अरुणाचल प्रदेश तक इस महान देश का विस्तार है। उत्तर में हिमालय इसका मुकुट है। दक्षिण में हिंद महासागर इसके पाँव पखारता है। मेरे देश का प्राकृतिक सौंदर्य विविधतापूर्ण एवं अद्भुत है। लगभग सर्वत्र हरे-भरे वन तथा फसलों से लहलहाते खेत हैं। 

        मेरा महान भारत ज्ञानियों तथा तपस्वियों का देश है। गौतम बुद्ध, महावीर, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी जैसी महान विभूतियों का जन्म भारत में ही हुआ था। उन्होंने अपने ज्ञान के प्रकाश से सारे संसार को आलोकित कर दिया था। अपने त्यागमय जीवन एवं कर्मठता से समग्र मानवता का उन्होंने मार्गदर्शन किया। भारतीयों की विचारधारा भी समस्त सृष्टि के लिए कल्याणकारी रही है। इस देश ने सारे विश्व को अहिंसा और मैत्री का संदेश दिया है।

     मेरे देश में विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, भाषाओं, संस्कृतियों एवं रीति-रिवाजवाले लोग मिल जुलकर रहते हैं। उनमें जो देशभक्ति है, वही हमारी एकता की आधारशिला है। भारत की विविधता में एकता विश्व भर में विख्यात है। इसी भावना के बाल पर भारत की अखंडता बनी हुई है। 

      स्वतंत्रता मिलने के पश्चात भारत ने हर क्षेत्र में भारी प्रगति की है। देश-विभाजन, विदेशो आक्रमण, प्राकृतिक आपदाएँ एवं विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों झेलकर भी हमारे कदम आगे ही आगे बढ़ते गए हैं। भारत आज अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर एवं शक्तिशाली बन गया है।

        हमारी भावनात्मक एकता एवं महान विरासत के कारण हमारे देश पर कभी आँच नहीं आई। यह महान देश अपनो अखंडता की रक्षा करने में पूर्ण रूप से समर्थ है। 

      हम भारत के भावी नागरिक हैं। भविष्य में हमें ही भारत का कर्णधार बनना है। हम दृढ़ संकल्प करें कि हम देश के सच्चे सपूत सिद्ध होंगे।

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